अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2018

yoga day
दुनियाभर में लोगों को निरोग बना रहा योग

 

2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा, जिसे सहर्ष स्वीकार कर लिया गया। आज चौथा योग दिवस मनाया जा रहा है। भारतीय वेदों में वर्णित हजारों साल पुराना योग आज दुनियाभर में लोगों के तन-मन को स्वस्थ बना रहा है। दिसंबर, 2016 में योग को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासतों की श्रेणी में शामिल किया जा चुका है।

मोदी की कोशिशों का परिणाम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभालने के बाद 27 सितंबर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए पहले ही संबोधन में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का सुझाव दिया। इसके लिए उन्होंने 21 जून तारीख सुझाई। संयुक्त राष्ट्र ने 11 दिसंबर, 2014 को 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की। इसके लिए 193 सदस्य देशों ने मंजूरी दी।

21 जून ही क्यों

प्रधानमंत्री मोदी ने आज ही के दिन को योग दिवस मनाने के पीछे संयुक्त राष्ट्र को बेहद तार्किक और प्राकृतिक वजह बताई थी। दरअसल उत्तरी गोलाद्र्ध में 21 जून सबसे लंबा दिन होता है। लिहाजा दुनिया के अधिकांश देशों में इस दिन का खासा महत्व है। आध्यात्मिक कार्यों के लिए भी यह दिन अत्यंत लाभकारी है। भारतीय मान्यता के अनुसार आदि योगी शिव ने इसी दिन मनुष्य जाति को योग विज्ञान की शिक्षा देनी शुरू की थी। इसके बाद वे आदि गुरु बने।

90 दिनों में पारित हुआ प्रस्ताव

193 सदस्य देशों में से 177 देशों ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के प्रस्ताव पर भारत का समर्थन किया। पहली बार किसी प्रस्ताव पर इतने सह-प्रस्तावक बने। पहली बार संयुक्त राष्ट्र संघ में किसी देश द्वारा कोई दिवस घोषित करने के प्रस्ताव को महज 90 दिनों में पारित करके उसे लागू किया गया।

दुनिया में फैली योग की ऊर्जा

19वीं सदी के अंतिम वर्षों में स्वामी विवेकानंद ने पश्चिमी देशों को भारतीय संस्कृतिर्, ंहदुत्व और वेदों के ज्ञान से परिचित कराया। परमहंस योगानंद ने 1920 में बोस्टन में क्रिया योग सिखाया। कर्नाटक के बीकेएस अयंगर 1937 से खास अयंगर योग सिखाना शुरू किया। उन्हें दुनिया का प्रथम योग शिक्षक माना जाता है।

खोले आत्मा के बंद द्वार

भारतीय मान्यता है कि योग सिर्फ शरीर और दिमाग में संतुलन लाने की क्रिया का नाम नहीं है। यह एक गहरी आध्यात्मिक क्रिया है जिससे मनुष्य अपनी ही आत्मा के कई रहस्यों को जान सकता है। योग साधना के जरिए कोई संपूर्ण ब्रह्मांड की असीमित ऊर्जा को अपने अंदर समाहित करके अपने शरीर और मन को ऊर्जावान बना सकता है।

युज से बना योग

संस्कृत के शब्द रूप युज से योग शब्द का जन्म हुआ है। सबसे पहले इस शब्द का प्रयोग ऋग्वेद में किया गया। युज का अर्थ है जोड़ना, एकीकरण करना या बांधना। योग का अर्थ है मन और शरीर का एकीकरण।