नौकरी छोड़ गांव पहुंचे पचास से अधिक युवा,औरंगजेब की शहादत का बदला लेने

जांबाज जवान औरंगजेब

14 जून का दिन था जब सेना का जवान औरंगजेब जो सेना द्वारा चलाए जाने वाले हर आपरेशन में सबसे आगे होता वह ईद मनाने के लिए अपने घर पुंछ जिले की मेंढर तहसील के सलानी गांव के अपने मुख्यालय से निकाला तो उसी समय आतंकवादियों ने इसे अगवा कर लिया और उसके बाद इसे शहीद कर दिया।

इसके बाद सलानी गांव के लोग औरंगजेब की शहादत का बदला लेने के लिए एकजुट हो गए और साफ कह दिया कि

हम अपने भाई, बेटे की शहादत का बदला जरूर लेंगे।

इस गांव के पचास के करीब युवा अरब देशों में कार्य करने के लिए गए हुए थे अब वह युवा भी अपनी नौकरी को छोड़कर अपने घरों को लौट आए है और अब यह सेना व पुलिस में भर्ती होकर औरंगजेब की शहादत का बदला लेने बेताब है।

कब यह सेना व पुलिस में भर्ती हो और कब यह आतंकवादियों का सफाया कर शहीद औरंगजेब की आत्मा को शांति पहुंचा सके।

मुहम्मद करामत, जावेद अहमद, मुहम्मद ताज आदि का कहना है कि

जैसे ही हम लोगों को सूचना मिली की हमारे भाई औरंगजेब को आतंकवादियों ने शहीद कर दिया है।

हम लोगों ने उसी दिन यह कमस खा ली थी कि हम अपनी नौकरी छोड़कर अपने घर जाएंगे और

वहां पर जाकर सेना व पुलिस में भर्ती होकर औरंगजेब की शहादत का बदला जरूर लेंगे।

अरब देशों से अपनी नौकरी छोड़कर वापस अपने गांव सलानी आए युवाओं ने कहा कि

हमने एक एक युवक से संपर्क किया जो अरब देशों में नौकरी कर रहे थे उन्हें पूरी बात बताई और एक एक करके सभी युवक वापस जाने को तैयार हो गए।

सभी ने अपनी नौकरी छोड़ दी और वापस सलानी गांव में आ पहुंचे।

अब सरकार हमें सेना में भर्ती करे या पुलिस में। हमें अपने भाई की शहादत का बदला लेना ही है।

पूरा गांव एक जुट

 

शहीद औरंगजेब का पूरा गांव युवाओं के साथ है और इन पचास से अधिक युवाओं के अलावा

गांव के अन्य युवक भी सेना व पुलिस में भर्ती होकर अपने भाई, दोस्त की शहादत का बदला लेने को बेताब है।

औरंगजेब की शहादत के बाद सेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत व रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन भी

सलानी गांव में पहुंच कर शहीद के परिवार के सदस्यों से मिल चुके है। उस समय भी शहीद औरंगजेब के पिता

पूर्व सैनिक मुहम्मत हनिफ ने साफ शब्दों में कहा था कि अगर आप औरंगजेब की शहादत का बदला लेते है

तो ठीक है नहीं तो हम खुद बंदूक उठाकर आतंकवादियों का खत्मा करके ही दम लेंगे।

पिता चाहते हैं पाकिस्तान से औरंगजेब की मौत का बदला 

 

सेना के शहीद औरंगजेब के पिता पाकिस्तान से अपने बेटे की मौत का बदला चाहते हैं।

पिता मोहम्मद हनीफ के अंदर का फौजी आज भी जिंदा है।

उनका कहना है कि बेटे के हत्यारे मिल जाएं तो इन हाथों से उन्हें मार गिराउंगा।

पूर्व सैनिक मोहम्मद हनीफ ने कहा कि हम कश्मीर व भारत में शांति चाहते हैं।

पाकिस्तान व राज्य में उसकी शह पर काम करने वाले कई लोग ऐसा नहीं चाहते हैं।

कश्मीर में पाकिस्तान मांगने वालों को आड़े हाथ लेते हुए उन्होंने कि उन्हें वीजा देकर पाकिस्तान भेजना चाहिए।

एक साल के अंदर ही उनके होश ठिकाने आ जाएंगे।

इस मौके पर उनके साथ उनकी पत्नी भी मौजूद थी।

उन्होंने कहा कि हमारे सैनिकों का सिर काटने वाला पाकिस्तान पुंछ में लोगों पर गोले दाग कर खूनखराबा करता है।

राज्य व देश में आतंकवाद भी उसी की शह पर जड़े फैला रहा है।

ऐसे में पाकिस्तान को कड़ा सबका सिखाकर ऐसे परिवारों को राहत दी जाए

जिनके बच्चे आतंकवादियों का शिकार हो रहे हैं।

राज्य में तभी शांति होगी जब पाकिस्तान से सख्ती से निपटा जाएगा

 

यह देश राज्य में लोगों को गुमराह कर रहा है।

वहीं, औरंगजेब की माता ने भी दोहराया कि वह अपने बेटे के हत्यारों को मरा हुआ देखना चाहती हैं।

मौके मिले को मैं उन हत्यारों को काट डालूंगी।

उन्होंने बताया कि बेटे के शहीद होने के बाद उसका सारा सामान भी गायब हो गया था।

उन्होंने जोर दिया कि बेटे के हत्यारे जिंदा नहीं बचने चाहिए।

ऐसे होने के बाद ही कलेजे को ठंड पड़ेगी। ई

द मनाने को कश्मीर के शोपियां से पुंछ में अपने घर आ रहे औरंगजेब के शहीद होने के बाद रक्षामंत्री निर्मल सीतारमण व

थलेसना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत शहीद के घर आए थे।

इस दौरान बेटे की मौत से टूट गए पिता ने यह मांग उठाई थी सेना उनके बेटे के हत्यारों को 32 घंटों के अंदर मार गिरा कर बदला ले।