पेट्रोल पंप कर्मचारियों को मिलेगा केन्द्रीय स्तर का न्यूनतम वेतन

दिल्ली। तेल कंपनियों ने पेट्रोल पंप डीलरों के मार्जिन में वृद्धि करते हुये उन्हें पेट्रोल पंप कर्मचारियों को केन्द्रीय स्तर का न्यूनतम वेतन देने को कहा है। कंपनियों के इस कदम से देशभर में पेट्रोल पंपों पर काम करने वाले करीब नौ लाख कर्मचारियों के वेतन में 50 प्रतिशत तक वृद्धि होगी। इन कर्मचारियों को अब तक राज्यस्तरीय नयूनतम वेतन मिलता रहा है। पेट्रोलियम पदार्थों की बिक्री करने वाली सार्वजिनक क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी इंडियन आयल कार्पोरेशन की यहां जारी विज्ञप्ति के अनुसार पेट्रोल पंप डीलरों का कमीशन एक अगस्त 2017 से बढ़ा दिया गया है।

डीलरों को यह मार्जिन ईंधन की बिक्री मात्रा और श्रेणी के आधार पर दिया जाता है। पेट्रोल के मामले में कमीशन में 9 से लेकर 43 प्रतिशत तक और डीजल के मामले में 11 से लेकर 59 प्रतिशत तक वृद्धि की गई है। इससे पहले डीलर मार्जिन में मार्च 2017 में संशोधन किया गया था। इंडियन आयल का कहना है कि डीलर मार्जिन में मौजूदा संशोधन का बड़ा हिस्सा पेट्रोल पंप कर्मचारियों के लिये केन्द्रीय न्यूनतम वेतन लागू करने के रूप में दिया गया है। यह सुविधा लागू होने से इन कर्मचारियों के वेतन में करीब 50 प्रतिशत तक वृद्धि होगी। विज्ञप्ति के अनुसार पेट्रोल पंप डीलरों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वह सभी कर्मचारियों को ‘‘प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना’’ कवर उपलब्ध करायें।

प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत 12 रुपये के वार्षिक प्रीमियम पर बीमित व्यक्ति को दुर्घटना अथवा दुर्घटना में मृत्यू होने पर दो लाख रुपये का बीमा उपलब्ध कराया जाता है। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत 330 रुपये के वार्षिक प्रीमियम पर बीमित व्यक्ति की किसी भी वजह से मृत्यू होने पर परिवार के सदस्य को दो लाख रुपये बीमा राशि दी जाती है। कंपनी ने कहा है कि वह समय समय पर डीलर मार्जिन में संशोधन करती है। पेट्रोल पंप चलाने की लागत बढ़ने, कर्मचारियों का वेतन बढ़ने, बिजली दरें बढ़ने अथवा कार्यशील पूंजी आदि जैसे विभिन्न कारकों को इसमें शामिल किया जाता है।

कंपनी ने यह भी कहा है कि ग्रामीण और दूर दराज इलाकों में चलने वाले खुदरा बिक्री केन्द्रों में जहां हर महीने 1.70 लाख लीटर से कम बिक्री होती है, उनकी परेशानियों को ध्यान में रखते हुये स्लैब के हिसाब से बेहतर श्रेणी में रखा गया है। इससे दूर दराज इलाकों में काम करने वाले पेट्रोल पंपों को फायदा होगा। डीलरों की निवल स्थिर परिसंपत्ति (एनएफए) पर प्रतिफल में 20 साल पहले संशोधन किया गया था। आईआईएम-बेंगलूरू में इसको लेकर अध्ययन कराया गया, उसकी सिफारिशों के आधार पर डीलर मार्जिन में एनएफए में भी संशोधन किया गया है। इससे डीलरों को पेट्रोल पंप में किये गये निवेश पर बेहतर मुआवजा मिल सकेगा।⁠⁠⁠⁠