सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी,AAP सरकार-अफसरों में टकराव जारी

अधिकारों की लड़ाई

 

अधिकारों की लड़ाई पर सुप्रीम कोर् के फैसले के बाद भी , टकराव खत्म नहीं हो रहा है।

दिल्ली के सर्विसेज़ विभाग के अफसरों ने पुराने हिसाब के मुताबिक काम करने का फैसला किया है।

इससे दिल्‍ली में प्रशासनिक संकट पैदा हो सकता है।

वहीं, इस बाबत गुरुवार सुबह दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बाकायदा पत्रकार वार्ता कर अधिकारियों को निशाने पर लिया।

उन्होंने इशारों में कहा कि कुछ अधिकारी मंत्रियों के आदेशों को नहीं मान रहे हैं,

ऐसे में यह सुप्रीम के फैसलों व आदेशों की अवमानना होगी।

 

अधिकारियों ने सरकार की बात मानने से तब तक इन्कार कर दिया है

कोर्ट की व्यवस्था आने के बाद दिल्ली सरकार ने बुधवार को ही कैबिनेट की बैठक बुलाकर मुख्य सचिव को तमाम निर्देश जारी किए थे,

वहीं दूसरी ओर सर्विसेज विभाग के अधिकारियों ने सरकार की बात मानने से तब तक इन्कार कर दिया है, जब तक कि कोई नया नोटिफिकेशन जारी नहीं होता।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बुधवार को दिल्ली सरकार ने कैबिनेट की बैठक बुलाकर फैसला लिया कि आइएएस और दानिक्स अफसरों के तबादले मुख्यमंत्री करेंगे, जबकि दूसरे कैडर के अफसरों के तबादले उपमुख्यमंत्री व अन्य मंत्री करेंगे।

सर्विसेज विभाग के मंत्री मनीष सिसोदिया ने इस बारे में आदेश जारी भी किया था।

नाम न छापने की शर्त पर कुछ अफसरों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के बुधवार के फैसले में हाई कोर्ट द्वारा चार अगस्त 2016 को दिए गए फैसले को निरस्त किए जाने के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

सर्विसेज विभाग को मई 2015 में केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर उपराज्यपाल के अधीन कर दिया था।

सरकार के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें इस तरह का कोई आदेश नहीं मिला है। इस कारण पहले की तरह व्यवस्थाएं जारी रहेंगी।

 

आसान नहीं दिख रही राह

अधिकार को लेकर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच विवाद पुराना है।

आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार सत्ता में आई और अधिकार को लेकर राजनिवास के साथ उसका टकराव शुरू हो गया था।

इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने स्थिति स्पष्ट कर दी है।

दोनों के अधिकारों की व्याख्या करने के साथ ही सर्वोच्च अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ,

दिल्ली में अराजकता के लिए कोई स्थान नहीं है।

इससे अधिकार पर रार खत्म होने की बात कही जा रही है, लेकिन यह इतना आसान नहीं दिख रहा।

 

सियासी घमासान बढ़ने की आशंका है

अदालत के फैसले के बाद जिस तरह से सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हुआ है,

उससे इस मुद्दे को लेकर सियासी घमासान बढ़ने की आशंका है।

अदालत के फैसले के बाद राजनिवास ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन दिल्ली सरकार ताबड़तोड़ हमले कर रही है।

वह उपराज्यपाल पर संविधान की धज्जियां उड़ाने और केंद्र सरकार , दिल्ली सरकार के अधिकार छीनने का आरोप लगा रही है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तो ट्वीट करके यह आरोप लगा रहे हैं कि केंद्र ने काम करने दिया होता तो तीन साल बर्बाद नहीं होते।

इस तरह से दिल्ली की बदहाली का ठीकरा , उपराज्यपाल और केंद्र सरकार पर फोड़ने की तैयारी हो रही है।

ऐसी स्थिति में राजनिवास के साथ एक बार फिर से टकराव बढ़ने की आशंका जताई जाने लगी है।

दिल्ली सरकार के वार पर विपक्ष भी पलटवार कर रहा है।