एक दिन, एक लिवर और दो किडनी,, सुरक्षित जरुरतमंद लोगों तक पहुँचानें की।,

एक  मौत नें बचाली चार जिन्दगी।,, जी हाँ अंगदान का ईससे अच्छा उदाहरण नहीं हो सकता। वसंतकुंज के फॉर्टिज हॉस्पिटल में कुछ दिनों पहले एक 25 साल का लड़का एडमिट हुआ था।,, मोटर साईकल से एक्सिडेन्ट के कारण उसके सर में काफी गहरा चोट आया था। उसकी मौत के बाद उसके परिवार वालों नें युवक के अंग को दान कर दिए।

वसंतकुंज के हॉस्पिटल में ये अफरातफरी,, ये मुहिम है,, 4 जिन्दगियों को बचानें की। एक दिन, एक लिवर और दो किडनी,, सुरक्षित जरुरतमंद लोगों तक पहुँचानें की।,, अंगदान महा-दान,, ये बात आज साबित हो गई। फॉर्टिज अस्पताल में मोटरसाईकल हादसे में एक 25 साल का युवक आया था।,, युवक के सर में काफी गहरा चोट था।,, उसका दिमाग पुरी तरह से डेड हो चुका था।,, डॉक्टरों का कहना है,, कि उसकी कई शरिर के हिस्से काम कर रहे थे। लेकिन ब्रेन डेड के कारण उसकी मौत हो चुकी थी।,, मृतक के परिजन अपनें बच्चे के अंग को दान करना चहाते थें।,, यहाँ के डॉक्टर इस बात को सनून कर काफी खुश हुए।,, इस युवक के सभी पार्ट को जरुरत मन्द लोगों तक पहुँचा दिया गया। इस काम में दिल्ली पुलिस और ट्रैफिक पुलिस का अहम रोल रहा।,, क्यों कि इस मरिज का दिल, एस्कॉर्ट हॉस्पिट गया,,, लिवर गंगा राम हॉस्पिटल में,,, एक किडनी BLK में और एक किडनी वसंतकुंज के हीं एक मरिज को दी गई,, जो पिछले 3 सलों से डायलेसिस पर है।

उस युवक की मौत का अफसोस उसके माता-पिता और परिवार को जरुर होगा,, लेकिन कहीं ना कहीं,, जब उनके बेटे का दिल किसी और के जस्म में धड़केगा,, तो एहसास ये जरुर होगा,, कि उनका बेटा मरा नहीं वो यहीं है,, साथ हीं उस एक जान नें ना सिर्फ 4 लोगों की जिन्दगियाँ बचाई,, बल्कि 4 परिवार में खुशियों का संदेश भी लाया। अस्पतालकर्मियों नें इस अंगदाता के अंगों की विदाई, अस्पताल में एक ह्युमन चैन बना कर सम्मान के साथ दिया।,, अंग दान महा दान है.. ये आप देख चुके हैं,, अब समय है लोगों को जागरुक करनें का,, और ये जिम्मेदारी हमारी और आपकी है।⁠⁠⁠⁠