उपराज्यपाल नजीब जंग ने दिल्ली सरकार को फिर से नसीहत दी

गेस्ट शिक्षकों के मामले में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा दो दिन में दो बार पत्र लिखे जाने पर उपराज्यपाल नजीब जंग ने दिल्ली सरकार को फिर से नसीहत दी है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि इस समस्या को कानून व नियम के तहत ही हल किया जा सकता है। इसलिए सरकार ऐसे मामलों में दिखावा न करे।बता दें कि दिल्ली सरकार ने गत 4 अक्टूबर को दिल्ली विधानसभा में 15 हजार गेस्ट शिक्षकों को नियमित करने का बिल पास किया था। इस टिप्पणी करते हुए उपमुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र में उपराज्यपाल ने कहा कि उनके द्वारा विधेयक को पेश करने के फैसले पर पुनर्विचार करने को सलाह दी गई थी।इसके बावजूद बिल को विधानसभा में पारित किया गयाजो विधेयक संवैधानिक नहीं था।

उपराज्यपाल ने कहा कि ट्रांजैक्शन आफ बिजिनेस आफ द गर्वमेंट आफ नेशनल कैपिटल टेरिटरी आफ दिल्ली रूल्स1993 के तहत विधेयक को अपेक्षित प्रतिवेदनों सहित उनके सम्मुख प्रस्तुत नहीं किया गया है।इसलिए यह कहना गलत है कि विधेयक उपराज्यपाल के पास लंबित है। उन्होंने कहा है कि एक फाइल में शिक्षा निदेशालय ने यहां तक कहा है कि विधेयक पारित करने से पूर्व उसे इस विषय में कोई जानकारी नहीं थी। विभाग को इसकी जानकारी न्यायिक प्रक्रिया के दौरान ही मिली।उपराज्यपाल ने कहा कि उपमुख्यमंत्री ने अपने नोट में यह भी उल्लेख किया है कि अतिथि शिक्षकों को उनके कार्यालय द्वारा मिलने का समय नहीं दिया गया है। उन्हें इस पर कहा कि यह वास्तव में सही नहीं है क्योंकि कुछ अतिथि शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल ने उनसे हाल ही में मुलाकात की है।राजनिवास के अधिकारियों से भी कई बार अतिथि शिक्षकों ने मुलाकात की। इसके अलावा उपमुख्यमंत्री भी इस विषय के संबंध में जरूरत पडऩे पर उनसे मुलाकात करते रहे हैं।उपराज्यपाल ने कहा कि गेस्ट  शिक्षकों को भर्ती में महत्व देने के संबंधित मुद्दे पर शिक्षा विभाग को 10 अगस्त14 एवं 26 सितंबर को कहा गया था। जिसमें गेस्ट शिक्षकों को विधि विभाग से परामर्श करके प्राथमिकता देने के मुद्दे को जांच के  लिए अनुरोध किया गया था। दो महीने से अधिक की अवधि व्यतीत हो जाने के बावजूद अब तक ऐसा नहीं किया गया है।बता दें कि गेस्ट शिक्षकों को नियमित किए जाने के मामले पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को उपराज्यपाल को पत्र लिखा था। इसके अलावा बुधवार को फिर से सिसोदिया ने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर कहा था कि जब तक गेस्ट शिक्षक नियमित नहीं हो जाते हैं तब तक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को न शुरू  किया जाए